उत्तर प्रदेश में सफाई कर्मियों की अब अपनी वर्दी होगी। इंदौर की तर्ज पर यूपी में भी सफाई कर्मी वर्दी पहन कर काम करेंगे। यूपी सरकार उन्हें तमाम उपकरण उपलब्ध कराएगी। प्रदेश के सफाई कर्मियों को हेलमेट व अन्य जरूरी उपकरण उपलब्ध कराए जाएंगे। इसके साथ ही शहरों को साफ सुथरा बनाए रखने के लिए आवासीय योजनाओं में सुबह और बाजारों में रात में सफाई कराई जाएगी। हर छह माह पर सफाई कर्मियों का स्वास्थ्य परीक्षण अनिवार्य होगा। नगर विकास विभाग इस संबंध में जल्द आदेश जारी करने वाला है

सभी सफाई कर्मियों को उपलब्ध होगी सुविधा स्वच्छ भारत मिशन के तहत शहरों को साफ सुथरा रखने के लिए प्रदेश की योगी सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। इसी क्रम एक कदम आगे बढ़ाते हुए यूपी सरकार अब प्रदेश में सफाई कर्मियों को वर्दी उपलब्ध कराएगी जिससे कि वह यूनिफॉर्म पहन कर काम कर सकें। ठोस अपशिष्ट संचालित करने वाले सभी सफाई कर्मियों को हेलमेट, वर्दी, फ्लोरेसेंट जैकेट, दस्ताने, रेनकोट, समुचित जूते और मास्कसेट सहित व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराए जाएंगे। सफाई कर्मियों को निकाय स्थल पर यह सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
कर्मिचारियों की स्वास्थ्य जांच जरूरी नगरीय स्थानीय निकायों को अपने वार्षिक आय-व्यय में प्रति कर्मचारी कम से कम 2000 रुपये की व्यवस्था करनी होगी। इसी तरह ठेके पर सफाई कर्मी देने वाली कार्यदायी संस्थाओं को इसकी व्यवस्था करनी होगी। जैव नाशित, जैव अनाशित और अक्रिय अपशिष्ट के रूप में सड़ाई की सफाई के अपशिष्ट अलग-अलग किए जाएंगे। इसके अलावा हर छह माह में सफाई कर्मचारियों को अपने स्वास्थ्य की जांच अनिवार्य रूप से कराई होनी। इसके साथ ही ठेके पर रखे गए कर्मियों को पहचान पत्र रखना अनिवार्य होगा, जिससे उनकी पहचान हो सके और उनके साथ किसी तरह दुर्व्यवहार करने वालों के खिलाफ कार्रवाई हो सके।