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Monday, December 04, 2023

PM नरेंद्र मोदी का मनीष तिवारी पर तंज- हां, ये सच है कि भगवान की कृपा से Coronavirus से बच गए

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को लोकसभा (Loksabha) में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर आभार व्यक्त करते हुए अपने संबोधन के बीच कांग्रेस नेता मनीष तिवारी (Manish Tewari) के बयान पर पलटवार किया और कहा कि ये भगवान की ही कृपा थी कि दुनिया हिल गई और हम बच गए. 

कोरोना महामारी पर दिया जवाब.

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘ये भगवान की ही कृपा है कि इतनी बड़ी दुनिया हिल गई लेकिन हम बच गए. क्योंकि तब डॉक्टर और नर्स भगवान का रूप बनकर आए. भगवान सफाई कामगारों के रूप में भी आए. वो एंबुलेंस का ड्राइवर भी भगवान के रूप में आया था, जिसे पता था कि वो कोरोना मरीज को ले जा रहा है. इसलिए ये भगवान का रूप ही था कि भारत ने 8 महीने तक लोगों को राशन पहुंचाया. ये भारत था कि जनधन और आधार के जरिए हमने लाखों लोगों के खातों में पैसा पहुंचाया.

आसान नहीं थी लड़ाई

उन्होंने कहा कि एक अनजाने दुश्मन के खिलाफ लड़ना आसान नहीं था. 130 करोड़ भारतीयों के अनुशासन ने हमें बचाकर रखा. भारत की पहचान बनाने के लिए हमें इसे आगे बढ़ाना होगा. क्योंकि अगर आप अपने बच्चे को घर में स्वीकार नहीं करेंगे तो बाहर के लोग भी स्वीकार नहीं करेंगे.

भारत ने दिखाई अभूतपूर्व क्षमता

पीएम नरेंद्र मोदी ने आगे कहा कि दुनिया के बहुत सारे देश कोरोना (Corona Virus), लॉकडाउन, कर्फ्यू के कारण चाहते हुए भी अपने खजाने में पाउंड और डॉलर होने के बाद भी अपने लोगों तक नहीं पहुंचा पाए, लेकिन ये हिंदुस्तान है जो इस कोरोना कालखंड में भी यहां करीब 75 करोड़ से अधिक भारतीयों को 8 महीने तक राशन पहुंचाया गया. यही भारत है जिसने जनधन, आधार और मोबाइल के द्वारा 2 लाख करोड़ रुपये इस कालखंड में लोगों तक पहुंचा दिया.

वैश्विक ताकत बन उभरा देश’

पीएम मोदी ने कहा, ‘कोरोना के दौरान भारत ने जिस प्रकार से सबको संभाला और दुनिया की मदद की. जिन संस्कारों के साथ हम वेद से विवेकानंद तक पले बढ़े हैं उसका मूल है सर्वे भवंतु सुखिनः आत्मनिर्भर होने की दशा में भारत ने जिस तरह से कदम उठाए हैं, वो सराहनीय है. द्वितीय विश्व युद्ध के बाद दुनिया में एक नया वर्ल्ड ऑर्डर बना. उसी तरह की स्थितियां कोरोना महामारी के दौर में बनीं.’ प्रधानमंत्री ने ये भी कहा, कोरोना के बाद जो दुनिया बनेगी, उसमें भारत एक कोने में गुजारा नहीं कर सकता. लेकिन सिर्फ जनसंख्या के आधार पर हम दुनिया में अपनी मजबूती का दावा नहीं कर सकते. हमें सशक्त और मजबूत बनना होगा और उसका रास्ता आत्मनिर्भर होना है. भारत जितना सामर्थ्यवान होगा, उतना विश्व कल्याण में मदद करेगा.’