फरेंदा तहसील मुख्यालय से 8 किमी दूर लेहड़ा देवी मंदिर के संबंध में कई किवादतिया हैं।
पौराणिक मान्यता है कि इस मंदिर की स्थापना पांडवों के अज्ञातवास के समय की थी मान्यता के अनुसार धर्मराज युधिष्ठिर ने इस स्थान पर यक्ष के प्रश्न सहित उत्तर देकर अपने चारों भाइयों की पुनर्जीवित किया था बाद में पांच भाइयों पीठ की स्थापना कर पूजा अर्चना शुरू की
और इस मंदिर पर तभी से मां सबकी मुरादें पूर्ण करती हैं और यह नवरात्र में काफी जोर-शोर के साथ श्रद्धालुओं की भारी संख्या में भीड़ लगती है लोग दूर-दूर से मां द्रोणा वासनी लहरा देवी मंदिर पर दर्शन करके अपनी मनोकामना को पूर्ण करने की मन्नत भी मांगते हैं
यह मां देवी लहरा मंदिर का अद्भुत चमत्कार रहा है ।
इस मंदिर पर सबकी मुरादें पूरी होती है दूर दूर से लोगों का आना यहां काफी भारी मात्रा में रहता है मां के दर्शन के लिए नवरात्रि में काफी लंबी लाइन की कतारें भी लगाई जाती है जिसमें समस्त प्रशासन पुलिस बल भी तैनात रहते हैं जिससे किसी को मां की दर्शन करने में कठिनाइयां ना उत्पन्न हो।